आज के समय में दूसरे निवेशो की तुलना में म्यूचुअल फंड को सबसे अधिक पसंद किया जा रहा है क्योकि इसके द्वारा निवेशक मुनाफा प्राप्त कर रहे हैं। आपके मन में भी यह सब देखकर कई बार प्रश्न उठता होगा कि क्या म्यूचुअल फंड सही है?
आज के आर्टिकल में हम आपको लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए म्यूचुअल फंड सही है या गलत इसके बारे में जानकारी देंगे ताकि आपको म्यूच्यूअल फंड के बारे में सही जानकारी प्राप्त हो सके और आप समझदारी से म्यूच्यूअल फंड को पसंद कर पाए।
Table of Contents
म्यूचुअल फंड सही है या गलत
म्यूच्यूअल फंड के बारे मे हम सभी कई बार बाते सुनते रहते है जिससे हमे लगता है कि शायद म्यूच्यूअल फंड शेयर बाज़ार की तरह ही है जिसमे हमेशा नुक्सान का डर बना रहता है, आज हम आपको क्या म्यूच्यूअल फंड किस तरह से सही है इसके बारे में बतायेगे।
बचत करने की आदत
म्यूचुअल फंड आप में बचत और निवेश की आदत विकसित करता है। इसके साथ, निवेशक अपने दैनिक खर्चों से हर महीने एक निश्चित राशि अलग रखता है। आप 500, 1000 या 2000 जैसी छोटी राशि से म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं। इससे निवेशक की जेब पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ता और वह लंबे समय तक निवेश कर सकता है।
भविष्य में आर्थिक संकट से बचाव
यदि आप भविष्य में होने वाले किसी भी तरह के आर्थिक संकट से खुद को बचाना चाहते है तो उसके लिए जरूरी है आप एक लक्ष्य तय निचित करे और प्लानिंग से निवेश करना शुरू करें। ऐसे में धीरे-धीरे और मजबूती के साथ अपने लक्ष्य को पाने का एक तरीका म्यूच्यूअल फंड है। यदि आप भविष्य में होने वाले खर्चों जैसे की शादी, बच्चों की पढ़ाई, घर खरीदना, कार खरीदना आदि चाहते है तो म्यूच्यूअल फंड के द्वारा समय पर पैसा प्राप्त कर सकते है।
ब्याज पर ब्याज मिलता है
म्यूचुअल फंड सही है क्योंकि इसमें आपको निवेश के पैसों पर जो ब्याज मिलता है उस ब्याज पर भी भविष्य में ब्याज मिलता है। अगर आप म्यूचुअल फंड की SIP स्कीम में निवेश करते है तो इसके जरिए आप अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते है। वहीं जब आप लंबे समय के लिए निवेश करते है तो उस पर आपको कंपाउंडिंग इंटरेस्ट का लाभ मिलता है।
टैक्स में मिलती है बचत
म्यूचुअल फंड में ऐसी बहुत सारी स्कीम निवेशकों को दी जाती है जिसमें निवेश करने पर उन्हें टैक्स में बचत मिलती है। अगर आपके बैंक में पैसा है और आप उस पर टैक्स नहीं भरना चाहते है तो आप उस पैसे को म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते है।
आपके पैसे लेकर कोई नहीं भागेगा
चूंकि म्यूचुअल फंड कंपनियों को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) और एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) जैसी एजेंसियों द्वारा चलाया जाता है, इसलिए कोई भी फंड हाउस निवेशक के पैसे लेकर फरार नहीं हो सकता है।
और आपको बता दे की म्यूचुअल फंड हाउस चलाने का लाइसेंस ठीक उसी तरह से दिया जाता है जैसे बैंकों को बैंकिंग लाइसेंस मिलता है, इसलिए म्यूचुअल फंड मे निवेश सही है।
अधिक गुना मुनाफा
म्यूचुअल फंड में निवेश का उद्देश्य दूसरे निवेश विकल्पों की तुलना में अधिक रिटर्न अर्जित करना है। यह रिटर्न अधिक व्यापक बाजार, एक्सपोजर और म्यूचुअल फंड के फंड मेनेजर का परिणाम हैं।
म्यूचुअल फंड के शॉर्ट टर्म के साथ-साथ लॉन्ग टर्म निवेश पर इस तरह से टैक्स लगाया जाता है, जो आपके रिटर्न को प्रभावित नहीं करता है। यह फंड लंबी अवधि के निवेश के रूप में समझ में आते हैं क्योंकि आप जितने लंबे समय तक निवेश करेंगे, आपको उतना ही अधिक रिटर्न भी मिलेगा।
जोखिम से बचना
म्यूचुअल फंड निवेश के साथ भविष्य में आने वाले जोखिम को आपके निवेश में विविधता लाकर और वित्तीय लक्ष्यों का ख्याल रख कर उसे सहनशीलता के साथ फंड मेनेजर द्वारा निवेश करके प्रबंधित किया जाता है और जमा की गयी राशि को अलग अलग कंपनी के stock मे लगाया जाता है।
ऋण पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं है
मान लीजिए कि निवेशक दस वर्षों से म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं और महत्वपूर्ण पूंजीगत लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं। लेकिन अब निवेशक अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजना चाहते हैं। शिक्षा ऋण वाला एक निवेशक कुछ मामलों में बैंक को 12% की उच्च ब्याज दर पर चुकाएगा। यह होम लोन पर मिलने वाले ब्याज से ज्यादा है।
लेकिन क्या होगा अगर निवेशक ऋण का विकल्प नहीं चुनना चाहता है? वे अपने द्वारा निवेश किए गए म्यूचुअल फंड से पैसा निकालना चाहते हैं और अपने बच्चों की शिक्षा में निवेश करके कर्ज से बचना चाहते हैं।
क्या म्यूचुअल फंड में आपके पैसा सुरक्षित है?
जी हाँ। जब कोई म्युचुअल फंड कंपनी किसी अन्य म्यूचुअल फंड कंपनी का अधिग्रहण करती है, तो वह सभी योजनाओं को अपने हाथ में ले लेती है। अगर वह किसी भी अधिग्रहीत योजना को बंद करना चाहता है, तो यह मौजूदा NAV पर निवेशकों को पैसा भी लौटाता है।
छोटी रकम से निवेश की सुविधा
म्यूचुअल फंड उपयुक्त हैं क्योंकि जिन निवेशकों के पास निवेश करने के लिए बड़ी राशि नहीं है, वे आसानी से उनमें निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड एसआईपी की सुविधा भी देते हैं, जिसमें आप रुपये तक जमा कर सकते हैं। आप 500 से कोई भी राशि निवेश कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड में कम रिस्क
यदि निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश करता है तो जोखिम कम होता है। वहीं अगर आप अपना सारा पैसा किसी एक कंपनी में लगाते हैं और किसी कारण से वह कंपनी दिवालिया हो जाती है तो उसके साथ सारा पैसा दिवालिया हो जाएगा।
निवेशकों को म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यहां आपका पैसा अलग-अलग कंपनियों में निवेश किया जाता है और आपका पैसा फंड मैनेजर द्वारा अलग-अलग स्टॉक और बॉन्ड में निवेश किया जाता है।
वहीं निवेशकों को इस बात का भी फायदा होता है कि अगर आपने किसी कंपनी में निवेश किया हुआ पैसा खराब हो जाता है तो दूसरी म्यूचुअल फंड स्कीमों से होने वाला मुनाफा उसे कवर कर लेता है.
SIP का मतलब क्या होता है?
SIP का मतलब Systematic Investment Plan है। इस को हिंदी में व्यवस्थित निवेश योजना कहते है। इसमें आप सप्ताहिक, मासिक, छमाही में निवेश कर सकते हैं। ये अपने आप ही निवेश होने लगता है।
म्यूचुअल फंड में निवेश SIP में या One Time Only के हिसाब से करना चाहिए?
यह आप पर निर्भर करता है कि आपके पास कितना फंड है, अगर आपके पास ज्यादा है तो आप सिर्फ एक बार निवेश कर सकते हैं और अगर आपके पास कम है तो आप एसआईपी में निवेश कर सकते हैं।
आज आपने क्या सिखा?
मुझे उम्मीद है की आपको हमारा यह लेख लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए म्यूचुअल फंड सही है या गलत? जरुर पसंद आया होगी. हमारी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को म्यूचुअल फंड विषय में संपूर्ण जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है.